अगर हम यूं पानी को बहाएंगे हम सब सूखे ही मर जाएंगे अगर हम यूं पानी को बहाएंगे हम सब सूखे ही मर जाएंगे
जिन्दगी का एक हिस्सा बन जाएँगे, शायद जीने का सलीका भी सिखाएँगे जिन्दगी का एक हिस्सा बन जाएँगे, शायद जीने का सलीका भी सिखाएँगे
वक़्त की हर थपेड़ों को सहना जिंदगी की सच्चाई बन गई। वक़्त की हर थपेड़ों को सहना जिंदगी की सच्चाई बन गई।
चेहरे मुझसे भी हैं चेहरे तुझसे भी हैं, पर वैसा नहीं जिसमें हम ही हम हों। चेहरे मुझसे भी हैं चेहरे तुझसे भी हैं, पर वैसा नहीं जिसमें हम ही हम हों।
क्या क्या बयां करूं मैं इक पल भी बिन तुम्हारे ख्यालों के नहीं कटता है. क्या क्या बयां करूं मैं इक पल भी बिन तुम्हारे ख्यालों के नहीं कटता है.
ये कविता हर इंसान के लिए है, महज़ लड़कियों के लिए नहीं, हर उस इंसान के लिए, जो सांस ले रहा है, जी रहा ... ये कविता हर इंसान के लिए है, महज़ लड़कियों के लिए नहीं, हर उस इंसान के लिए, जो सां...